Operation Sindoor 7 मई 2025 की रात भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में की गई “ऑपरेशन सिंदूर” कार्रवाई ने न सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक रणनीति को दर्शाया, बल्कि इसकी गूंज अब बॉर्डर पार से होकर बॉलीवुड तक पहुंच चुकी है। जहां एक ओर इस सैन्य अभियान की चर्चा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हो रही है, वहीं दूसरी ओर मुंबई के फिल्म स्टूडियो में इस पर फिल्म बनाने की होड़ मच गई है। खबर है कि 15 से ज्यादा फिल्म स्टूडियो और फिल्ममेकर्स ने “Operation Sindoor” नाम को रजिस्टर करवाने के लिए आवेदन दिए हैं। ऐसे में सवाल उठता है – क्या यह देशभक्ति की भावना से प्रेरित कदम है या बॉक्स ऑफिस पर सफलता की कोशिश?

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Operation Sindoor भारत का सटीक और संयमित जवाब
Operation Sindoor की शुरुआत 7 मई 2025 की रात को हुई, जो महज 25 मिनट तक चला, लेकिन इसका असर आतंक के अड्डों पर जबरदस्त था। भारतीय सेना ने इस दौरान 24 मिसाइलों के ज़रिए पाकिस्तान और PoJK में स्थित नौ प्रमुख आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया। ये ठिकाने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के थे। इस हमले में 70 आतंकवादी मारे गए और 60 से ज्यादा घायल हुए। खास बात यह रही कि भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया और पाकिस्तानी सेना या आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, जिससे यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक गैर-उकसाने वाला और लक्षित जवाब मानी गई। यह पूरा ऑपरेशन पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
Operation Sindoor बॉलीवुड में देशभक्ति की कहानी पर मची होड़
Operation Sindoor की गूंज केवल सैन्य और राजनीतिक हलकों तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसका असर फिल्म इंडस्ट्री तक भी पहुंच गया है। बॉलीवुड में इस ऑपरेशन पर फिल्म बनाने को लेकर जबरदस्त उत्साह है। रिपोर्ट्स के मुताबिक निर्माता महावीर जैन की कंपनी ने सबसे पहले “Operation Sindoor” टाइटल को रजिस्टर कराया। इसके बाद Zee Studios, T-Series, निर्देशक मधुर भंडारकर और अशोक पंडित जैसे कई दिग्गज फिल्मकारों ने भी इस टाइटल पर दावा ठोका। फ़ेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज़ (FWICE) के अध्यक्ष बी.एन. तिवारी ने बताया कि अब तक 15 से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं और जल्द ही यह तय किया जाएगा कि यह टाइटल किसे मिलेगा। बॉलीवुड में पहले भी ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’, ‘शेरशाह’ और ‘राज़ी’ जैसी देशभक्ति पर आधारित फिल्मों को दर्शकों का भरपूर प्यार मिला है, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि ऑपरेशन सिंदूर भी उसी कड़ी में शामिल हो सकता है।
Operation Sindoor क्या भावनात्मक समय में फिल्मों की होड़ उचित है?
Operation Sindoor जहां एक ओर फिल्म निर्माता इस ऑपरेशन को देशभक्ति और वीरता की कहानी के रूप में परदे पर लाना चाहते हैं, वहीं सोशल मीडिया पर इस रेस को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई नेटिज़न्स ने सवाल उठाए हैं कि क्या इस संवेदनशील समय में, जब देश के जवान और आम नागरिक इस हमले की गूंज से उबर भी नहीं पाए हैं, फिल्म की घोषणा करना सही है? वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यदि सही तरीके से और संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत किया जाए, तो यह फिल्म न केवल लोगों को सच से रूबरू कराएगी, बल्कि शहीदों को श्रद्धांजलि देने का माध्यम भी बन सकती है।
Operation Sindoor भारत की सैन्य शक्ति, रणनीतिक समझ और संयम का प्रतीक बन चुका है। यह सिर्फ एक जवाबी हमला नहीं था, बल्कि यह संदेश था कि आतंक के खिलाफ भारत अब और सहनशील नहीं रहेगा। अब जब बॉलीवुड इस सच्ची घटना को परदे पर उतारने की तैयारी कर रहा है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन-सी टीम इस ऐतिहासिक पल को सबसे प्रभावशाली ढंग से दर्शा पाती है। क्या यह फिल्म सिर्फ एक और देशभक्ति पर आधारित हिट होगी या दर्शकों के दिलों को गहराई से छूने वाली एक कहानी? आप क्या सोचते हैं? इस पर अपनी राय ज़रूर दें और इस खबर को अपने दोस्तों के साथ साझा करें।