‘Bhool Chuk Maaf’ की OTT रिलीज पर बॉम्बे हाई कोर्ट की रोक, PVR INOX को मिली बड़ी राहत

Bhool Chuk Maaf की OTT रिलीज पर बॉम्बे हाई कोर्ट की रोक, PVR INOX को मिली बड़ी राहत

Bhool Chuk Maaf क्या कोई फिल्म निर्माता सिनेमाघरों में रिलीज का वादा करके अंतिम समय में फिल्म को सीधे OTT प्लेटफॉर्म पर उतार सकता है? Rajkumar Rao और वामिका गब्बी स्टारर फिल्म ‘भूल चूक माफ’ को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में उठे इसी सवाल पर कोर्ट ने एक कड़ा और ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि फिल्म निर्माता मैडॉक फिल्म्स अब इस फिल्म को ओटीटी पर तब तक रिलीज नहीं कर सकते जब तक कि पूरा मामला निपट नहीं जाता। यह फैसला न केवल पीवीआर आईनॉक्स जैसी मल्टीप्लेक्स कंपनियों के लिए राहत है, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री में एग्रीमेंट की साख और पारदर्शिता बनाए रखने के लिहाज से भी बेहद अहम है।

Bhool Chuk Maaf

Bhool Chuk Maaf मैडॉक फिल्म्स ने ऐन वक्त पर बदला प्लान, कोर्ट पहुंचा PVR INOX

6 मई 2025 को मैडॉक फिल्म्स और पीवीआर आईनॉक्स के बीच एक औपचारिक समझौता हुआ था, जिसके अनुसार फिल्म ‘भूल चूक माफ’ को 9 मई को सिनेमाघरों में रिलीज किया जाना तय था। यह एग्रीमेंट सिर्फ रिलीज की तारीख तय नहीं करता था, बल्कि यह भी स्पष्ट करता था कि थिएटर रिलीज के बाद आठ हफ्ते तक फिल्म किसी भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर नहीं आ सकती। लेकिन ठीक एक दिन पहले यानी 8 मई को मैडॉक फिल्म्स ने अचानक पीवीआर को ईमेल भेजकर बताया कि वे अब इस फिल्म को सीधे 16 मई को ओटीटी पर रिलीज करेंगे। इस कदम ने पीवीआर को चौंका दिया और उन्होंने इसे अपने साथ हुआ बड़ा व्यावसायिक धोखा मानते हुए कोर्ट का रुख किया।

Bhool Chuk Maaf PVR ने बताया बड़ा नुकसान, कोर्ट में रखे तर्क

पीवीआर आईनॉक्स ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वे इस फिल्म के प्रचार-प्रसार में पहले ही भारी निवेश कर चुके थे। देशभर में ‘Bhool Chuk Maaf’ के लिए हजारों टिकट की एडवांस बुकिंग हो चुकी थी। सिनेमाघरों में विशेष स्क्रीन रिजर्व की गई थीं और फिल्म को लेकर बड़े पैमाने पर मार्केटिंग अभियान चलाया गया था। उनका दावा था कि इतनी तैयारी और निवेश के बाद जब फिल्म को अचानक ओटीटी पर रिलीज करने की योजना बनाई गई, तो यह न केवल व्यवसायिक नुकसान था, बल्कि उपभोक्ताओं के विश्वास के साथ भी खिलवाड़ था। पीवीआर ने कोर्ट से आग्रह किया कि मैडॉक फिल्म्स को एग्रीमेंट के अनुसार थिएटर रिलीज करने के लिए बाध्य किया जाए या फिर कम से कम ओटीटी रिलीज पर रोक लगाई जाए।

मैडॉक फिल्म्स ने बताई ‘सुरक्षा कारणों’ की वजह

मैडॉक फिल्म्स की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मौजूदा हालात को देखते हुए फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज करना उनके लिए संभव नहीं है। उन्होंने अपने फैसले के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कहा कि वर्तमान में फिल्म को ओटीटी पर रिलीज करना ही सबसे सुरक्षित और लाभकारी विकल्प है। हालांकि, कोर्ट ने इस दलील को कमजोर मानते हुए कहा कि फिल्म रिलीज पर रोक लगाने के लिए कोई सरकारी आदेश या थिएटर बंद होने जैसी ठोस वजह नहीं बताई गई है। सिर्फ संभावित घाटे या लाभ के आधार पर किसी व्यावसायिक समझौते को तोड़ना न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।

Bhool Chuk Maaf के लिए कोर्ट का फैसला: एग्रीमेंट का उल्लंघन

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने माना कि मैडॉक फिल्म्स ने पीवीआर के साथ हुए लिखित एग्रीमेंट का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने कहा कि केवल यह सोचकर कि फिल्म थिएटर में रिलीज करना फायदे का सौदा नहीं है, एग्रीमेंट को तोड़ देना कानूनन सही नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक यह केस पूरी तरह से नहीं निपट जाता, तब तक फिल्म को ओटीटी या किसी अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज नहीं किया जा सकता। साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि फिल्म की रिलीज आठ हफ्ते की होल्डबैक अवधि से पहले किसी भी माध्यम से नहीं की जाएगी।

Bhool Chuk Maaf बॉम्बे हाई कोर्ट का यह फैसला फिल्म उद्योग के लिए एक मजबूत संदेश है कि कॉन्ट्रैक्ट और एग्रीमेंट को सिर्फ कागजी दस्तावेज समझकर नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। ‘भूल चूक माफ’ की ओटीटी रिलीज पर लगी यह रोक न केवल पीवीआर जैसे मल्टीप्लेक्स ऑपरेटर्स के अधिकारों की रक्षा करती है, बल्कि दर्शकों के विश्वास को भी बनाए रखती है। अब सभी की निगाहें 16 जून 2025 पर टिकी हैं, जब इस केस की अगली सुनवाई होगी। क्या मैडॉक फिल्म्स अपना रुख बदलेगा या कोर्ट के फैसले को चुनौती देगा — यह देखना बाकी है। इस पूरे घटनाक्रम पर आपकी क्या राय है? हमें कमेंट में जरूर बताएं और इस खबर को साझा करें।

Leave a Reply