Cannes Festival 2025: जब भारतीय सिनेमा ने रचा इतिहास

Cannes Film Festival 2025

क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवल सिर्फ ग्लैमर और रेड कारपेट की तस्वीरों तक ही सीमित नहीं है? फ्रांस के कान शहर में आयोजित हो रहा 78वां कांस फिल्म फेस्टिवल 2025 इस सोच को बदलने आया है। यह सिर्फ सिनेमा का उत्सव नहीं, बल्कि वैश्विक संस्कृति, राजनीति, भावनाओं और सामाजिक चिंताओं का एक आइना बन चुका है। 13 से 24 मई तक चल रहे इस आयोजन में जहां हॉलीवुड के चमकते सितारे हर साल की तरह अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं, वहीं इस बार भारतीय सिनेमा ने अपने प्रभावशाली और ऐतिहासिक अंदाज़ में दस्तक दी है।

Cannes Festival 2025

Cannes Festival 2025 की भव्य शुरुआत और विशेष दृश्य

Cannes Festival 2025 की शुरुआत फ्रांसीसी निर्देशक अमेली बोनां की फिल्म ‘Leave One Day’ से हुई, जिसने एक हल्के-फुल्के हास्य के साथ उद्घाटन की औपचारिकता को बेहद गरिमामय बनाया। इस वर्ष की जूरी का नेतृत्व फ्रेंच अभिनेत्री Juliette Binoche कर रही हैं, जो अपनी अदाकारी और समझदारी के लिए जानी जाती हैं। समारोह की मेज़बानी फ्रांस के लोकप्रिय अभिनेता लॉरेंट लाफ़िट कर रहे हैं। एक और उल्लेखनीय पहलु यह रहा कि फेस्टिवल का आधिकारिक पोस्टर क्लासिक फिल्म ‘A Man and a Woman’ के एक दृश्य से प्रेरित होकर तैयार किया गया है, जिससे यह आयोजन पुराने और नए सिनेमा के बीच एक सांस्कृतिक पुल की तरह नजर आया। इस बार के समारोह में हॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता रॉबर्ट डी नीरो को उनके अद्वितीय योगदान के लिए ‘Honorary Palme d’Or’ से सम्मानित किया जा रहा है।

Juliette Binoche

ड्रेस कोड में आया बदलाव, फेस्टिवल में सख्ती

Cannes Festival 2025 इस साल Cannes के रेड कारपेट पर एक नया नियम लागू किया गया है जिसने फैशन जगत में हलचल मचा दी है। आयोजकों ने इस बार एक सख्त ड्रेस कोड निर्धारित किया है जिसमें अतिमात्रा में बोल्ड, न्यूड या अनावश्यक रूप से भड़कीले कपड़ों पर रोक लगा दी गई है। साथ ही, ऐसे भारी गाउन जिनका ट्रेल बहुत लंबा होता है, उन्हें भी प्रतिबंधित कर दिया गया है, ताकि चलने और थिएटर में बैठने में असुविधा न हो। अब केवल औपचारिक और शालीन जूते या सैंडल ही रेड कारपेट पर चलने की अनुमति रखते हैं, और स्नीकर्स जैसे आरामदेह जूतों को साफ तौर पर मना कर दिया गया है। यह नियम आम अतिथि से लेकर बड़े सितारों तक सभी पर लागू किया गया है, जिससे कांस की गरिमा और अनुशासन दोनों को बनाए रखने की कोशिश की गई है।

गाजा की फातिमा हस्सूना: जब सिनेमा की कहानी सच्चाई में बदल गई

Cannes Festival 2025 इस वर्ष फेस्टिवल के ACID सेक्शन में दिखाई जा रही डॉक्यूमेंट्री ‘Put Your Soul on Your Hand and Walk’ दर्शकों के बीच खास चर्चा में रही। यह फिल्म गाजा की युवती फातिमा हस्सूना की कहानी पर आधारित है, जो मानवीय संघर्ष और अस्तित्व की गहराइयों को छूती है। दुर्भाग्यवश, फेस्टिवल शुरू होने से कुछ सप्ताह पहले ही, 16 अप्रैल को, फातिमा और उनके 10 परिजनों की मौत गाजा सिटी में एक हमले में हो गई। इस हृदयविदारक खबर के बाद कांस फेस्टिवल के आयोजकों ने आधिकारिक बयान जारी कर गहरी संवेदना व्यक्त की और गाजा में हो रही हिंसा की सार्वजनिक रूप से आलोचना की। इस घटना ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि सिनेमा सिर्फ कल्पना नहीं, बल्कि कई बार त्रासदी का प्रतिबिंब भी बन जाता है।

प्रतियोगिता खंड में दमदार फिल्में और गहन विषयवस्तु

Cannes Festival के मुख्य प्रतियोगिता खंड में इस बार कई उल्लेखनीय अंतरराष्ट्रीय फिल्मों ने भाग लिया है जो विभिन्न शैलियों और विषयों पर आधारित हैं। ‘Eddington’ एक हास्य-रहस्य फिल्म है जो एक छोटे कस्बे की राजनीति और नेतृत्व संघर्ष को दिखाती है। वहीं ‘Romeria’ म्यूजिकल ड्रामा के ज़रिए खोई हुई पहचान और पारिवारिक रहस्यों की खोज की यात्रा पर ले जाती है। ‘Nouvelle Vague’ फिल्म गोदार्ड की प्रसिद्ध फिल्म ‘Breathless’ के निर्माण की प्रक्रिया को एक रोमांचक कथा में बदलती है। इसके अलावा, ‘Alpha’ जैसी फिल्में एक लड़की की मानसिक स्थिति को गहराई से उजागर करती हैं। इनके साथ ‘The Mastermind’, ‘The Phoenician Scheme’ और ‘Sound of Falling’ जैसी रचनात्मक प्रविष्टियों ने प्रतियोगिता को और भी समृद्ध बना दिया है।

भारतीय सिनेमा की गौरवशाली वापसी और मजबूत उपस्थिति

Cannes 2025 में भारतीय सिनेमा की उपस्थिति इस बार अत्यंत व्यापक और प्रभावशाली रही है। ‘Cannes Classics’ खंड में महान निर्देशक सत्यजित रे की फिल्म ‘Aranyer Din Ratri’ का 4K में रिस्टोर्ड संस्करण प्रदर्शित किया गया, जिसे देखने खुद फिल्म की कलाकार शर्मिला टैगोर और सिमी ग्रेवाल भी पहुंचीं। निर्देशक नीरज घेवन की फिल्म ‘Homebound’, जिसमें जान्हवी कपूर और ईशान खट्टर मुख्य भूमिका में हैं, को ‘Un Certain Regard’ खंड में चुना गया है। यह फिल्म प्रवास, परिवार और पहचान जैसे विषयों को गहराई से छूती है। अनुपम खेर की निर्देशन में बनी फिल्म ‘Tanvi: The Great’ को कान्स के ‘Marché du Film’ सेक्शन में प्रदर्शित किया गया है, जो भारतीय सामाजिक संरचना और आत्म-खोज की कहानी कहती है। बंगाल की पारंपरिक चारक पूजा की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म ‘Charak’ अंधविश्वास और मानवता के संघर्ष को रेखांकित करती है। साथ ही, Satyajit Ray Film and Television Institute की एक छात्रा की फिल्म ‘A Doll Made of Clay’ को ‘La Cinef’ खंड में चुना गया है, जो इस सेक्शन में भारत की एकमात्र प्रविष्टि है।

Red Carpet पर भारतीय सितारों की चमक

रेड कारपेट पर इस बार भारत की ओर से शानदार उपस्थिति देखने को मिली। आलिया भट्ट इस साल पहली बार कान्स में लोरियल पेरिस की ग्लोबल ब्रांड एंबेसडर के रूप में शामिल हुईं और अपने स्टाइल और आत्मविश्वास से सभी का ध्यान खींचा। ऐश्वर्या राय बच्चन, जो पिछले दो दशकों से कांस की पहचान रही हैं, इस बार भी अपनी सुंदरता और शालीनता से रेड कारपेट पर छा गईं। उनके अलावा शर्मिला टैगोर, अनुपम खेर, जान्हवी कपूर, ईशान खट्टर और करण जौहर जैसे चर्चित नामों ने भी फेस्टिवल को भारतीय रंगों से भर दिया। खास बात यह रही कि इस बार भारतीय निर्देशक पायल कपाड़िया को फेस्टिवल की जूरी में शामिल किया गया है। उनकी फिल्म ‘All We Imagine As Light’ को पिछले वर्ष ग्रैंड प्रिक्स मिल चुका है, और इस वर्ष वे जूरी सदस्य के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

कांस फिल्म फेस्टिवल 2025 सिनेमा के ज़रिए सामाजिक सच्चाइयों, राजनीतिक विरोधाभासों और मानवीय भावनाओं को वैश्विक मंच पर लाने वाला एक सशक्त आयोजन बन गया है। भारतीय फिल्मों की मजबूत और विविध उपस्थिति ने यह दिखा दिया है कि भारत अब सिर्फ ग्लैमर से नहीं, बल्कि सशक्त कथाओं और गहन विचारों से भी वैश्विक सिनेमा में अपनी जगह बना रहा है। गाजा की त्रासदी हो या सत्यजित रे की क्लासिक वापसी—हर कहानी ने इस साल के कांस को भावनाओं से भर दिया। यह फेस्टिवल एक बार फिर साबित करता है कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि सोचने और समझने का माध्यम भी है।

अगर आप भी सिनेमा से प्यार करते हैं, तो इस बार के कांस की तस्वीरें और कहानियां आपके दिल में उतर जाएंगी। अपनी राय हमें कमेंट्स में जरूर बताएं—आपके लिए इस बार का सबसे यादगार पल क्या रहा?

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