भारतीय सिनेमा के जनक माने जाने वाले Dadasaheb Phalke की जिंदगी अब बड़े पर्दे पर दिखाई जाएगी। गुरुवार को अभिनेता Aamir khan और निर्देशक राजकुमार हिरानी ने इस ऐतिहासिक बायोपिक का ऐलान किया, जिसे लेकर फिल्म इंडस्ट्री में ही नहीं, बल्कि फाल्के परिवार में भी उत्साह का माहौल है। वहीं दूसरी तरफ, साउथ में भी चर्चा है कि एस. एस. राजामौली भी जूनियर एनटीआर के साथ इसी विषय पर फिल्म बनाने की तैयारी में हैं। इन दोनों खबरों के बीच दादा साहब फाल्के के पोते, चंद्रशेखर श्रीकृष्ण पुसालकर ने अमर उजाला से खास बातचीत में अपनी भावनाएं साझा कीं। उन्होंने आमिर-हिरानी की टीम की सराहना की, लेकिन राजामौली की टीम से कोई संपर्क न होने पर नाराजगी जताई।

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आमिर-हिरानी की टीम ने जीता भरोसा
Dadasaheb Phalke चंद्रशेखर पुसालकर ने बताया कि आमिर खान और राजकुमार हिरानी के इस प्रोजेक्ट की जानकारी उन्हें हाल ही में मिली, और यह खबर उनके लिए सुखद आश्चर्य की तरह थी। उन्होंने यह भी बताया कि हालांकि आमिर और हिरानी ने सीधे उनसे संपर्क नहीं किया, लेकिन उनके असिस्टेंट प्रोड्यूसर हिंदुकुश भारद्वाज पिछले तीन वर्षों से लगातार उनके संपर्क में रहे हैं। भारद्वाज बार-बार उनसे मिलने आते थे, रिसर्च करते थे और फाल्के जी से जुड़ी जानकारियां जुटाते थे। पुसालकर ने कहा कि उन्हें यह देखकर अच्छा लगा कि टीम सिर्फ फिल्म बनाने के लिए नहीं, बल्कि इतिहास को समझने के लिए मेहनत कर रही थी। उन्होंने टीम से साफ कहा कि वो जिस ईमानदारी और निष्ठा से काम कर रहे हैं, वह सराहनीय है और उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह पहली बार है जब किसी प्रोडक्शन टीम ने परिवार को इतनी गंभीरता से शामिल किया है।

राजामौली की चुप्पी पर खटास
Dadasaheb Phalke जब उनसे राजामौली के संभावित प्रोजेक्ट को लेकर सवाल किया गया, तो पुसालकर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस बारे में उन्होंने भी केवल खबरों में ही पढ़ा है। राजामौली या उनकी टीम ने उनसे कभी संपर्क नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर कोई फिल्म निर्माता Dadasaheb Phalke जैसे ऐतिहासिक और पारिवारिक शख्सियत पर फिल्म बना रहा है, तो परिवार से संपर्क करना ज़रूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के पास असली किस्से और तथ्य होते हैं, जिनसे फिल्म को सच्चाई और भावनात्मक गहराई मिलती है। उन्होंने साफ कहा कि परिवार को दरकिनार करके बनाई गई कोई भी फिल्म अधूरी ही कहलाएगी।
आमिर-हिरानी की टीम से है पूरी उम्मीद
आमिर खान के इस प्रोजेक्ट में जुड़ने को लेकर पुसालकर ने प्रसन्नता जाहिर की और उन्हें एक ‘सीरियस फेलो’ कहा। उन्होंने बताया कि आमिर खान अपने हर प्रोजेक्ट को पूरी ईमानदारी और गंभीरता के साथ करते हैं, और यही बात उन्हें अन्य अभिनेताओं से अलग बनाती है। वहीं राजकुमार हिरानी की बात करें, तो उनका अब तक का निर्देशन कार्य काफी प्रभावशाली रहा है, जिसमें मानवीय भावनाओं को बखूबी दर्शाया गया है। यही वजह है कि पुसालकर को पूरा विश्वास है कि ये टीम फाल्के जी की जीवनगाथा को सम्मान और संवेदनशीलता के साथ दिखाएगी।
फाल्के की पत्नी के किरदार के लिए विद्या बालन पहली पसंद
Dadasaheb Phalke जी की सफलता के पीछे उनकी पत्नी का त्याग और योगदान एक बड़ा कारण रहा है। पुसालकर ने यह बात भी प्रमुखता से कही कि फिल्म में उनकी पत्नी के किरदार को सही रूप में दिखाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस किरदार के लिए उनकी व्यक्तिगत पसंद विद्या बालन हैं। उनके अनुसार, विद्या की पर्सनैलिटी और एक्सप्रेशन्स इस किरदार के साथ न्याय कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय फिल्म की टीम का होगा, वह केवल एक पारिवारिक सदस्य के तौर पर अपनी राय दे सकते हैं।
इस बार दिखाई जाएगी पूरी जीवनगाथा
चंद्रशेखर पुसालकर ने बताया कि पहले मराठी भाषा में जो फिल्म फाल्के जी पर बनी थी, उसमें केवल उनके शुरुआती संघर्ष को ही दर्शाया गया था। लेकिन इस बार की बायोपिक उनकी पूरी जीवन यात्रा को समेटेगी। इसमें बनारस की यात्रा, आर्थिक तंगी, सामाजिक चुनौतियां, पारिवारिक सहयोग, और अंततः राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान को भी प्रमुखता से दिखाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने खुद फिल्म की टीम को यह सलाह दी है कि फाल्के जी की अचीवमेंट्स को विस्तार और गरिमा के साथ पेश किया जाए ताकि नई पीढ़ी भी उनसे प्रेरणा ले सके।

हर स्तर पर परिवार को रखा इनवॉल्व
Dadasaheb Phalke बायोपिक की सबसे खास बात यह रही कि आमिर-हिरानी की टीम ने हर स्तर पर Dadasaheb Phalke परिवार को शामिल किया। पुसालकर ने बताया कि हिंदुकुश भारद्वाज की टीम उन्हें अलग-अलग जगहों पर ले गई, लोकेशन्स दिखाए और हर सवाल पर फीडबैक लिया। उन्होंने यह भी कहा कि आजकल के दौर में जब निर्माता फैमिली की राय को जरूरी नहीं समझते, तब इस टीम का ऐसा रवैया सराहनीय है। इसी वजह से उन्हें पूरा यकीन है कि यह प्रोजेक्ट सुरक्षित हाथों में है और इससे फाल्के जी की विरासत को सही रूप में दुनिया के सामने लाया जाएगा।
Dadasaheb Phalke की बायोपिक न केवल भारतीय सिनेमा के इतिहास को फिर से जीवंत करेगी, बल्कि उस संघर्ष और समर्पण की कहानी भी बताएगी जिसने एक सदी पहले सिनेमा को भारत में स्थापित किया। आमिर खान और राजकुमार हिरानी जैसे कलाकारों की टीम के हाथों में यह प्रोजेक्ट है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि यह न सिर्फ एक फिल्म होगी, बल्कि एक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में सामने आएगी। दूसरी ओर, परिवार की भागीदारी इस फिल्म को और भी प्रामाणिक और संवेदनशील बना रही है। आप इस बायोपिक को लेकर कितने उत्साहित हैं? अपनी राय कमेंट में जरूर साझा करें और खबर को दूसरों से भी शेयर करें।